बलिया: नंदीग्राम मेले में पशुओं की आवक हुई बेहद कम

डीएन ब्यूरो

यूपी के बलिया के नंदीग्राम में बदइंतजामी के चलते पशुओं का मेला फीका पड़ा है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नंदीग्राम पशु मेला
नंदीग्राम पशु मेला


बलिया: यूपी (Uttar Pradesh) के बलिया (Ballia) के नंदीग्राम (Nandigram) में प्रत्येक वर्ष की भांति लगने वाला पशु मेला (Animals fair) इस वर्ष प्रचार प्रसार के अभाव में फीका पड़ा है। इस वर्ष मेले में पशुओं की आवक बेहद कम है। मेले में कुछ व्यापारी पशुओं का इंतजार करते नजर आए। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भगृ मुनि के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाले नंदीग्राम मेला की शुरूआत दीपावली व भैया दूज के बाद हो गई है। 

नंदीग्राम मेले की रौनक पड़ी फीकी

जानकारी के अनुसार दीपावली व भैया दूज पर्व बीतने के बाद बैल व बछड़ों के विभिन्न नस्ल नंदीग्राम मेले में पहुंचना शुरू हो जाते थे लेकिन इस वर्ष प्रचार प्रसार के अभाव में पशुओं की आवक अनुमान के मुताबिक नंदीग्राम मेले में नहीं हो सकी है। रविवार को नंदीग्राम मेले में गदहे व खच्चर के साथ ही कुछ घोड़े मेले में पहुंचे। 

बलिया का नंदीग्राम मेले

दो-तीन सालों से मेला आयोजित नही 

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जिले व आस पास के जिले के पशु व्यापारियों को पता नहीं है कि इस वर्ष नन्दी ग्राम पशु मेला लगा है। इसका प्रमुख कारण लंबी बीमारी के कारण दो-तीन वर्षों से नंदीग्राम मेला आयोजित नहीं हो रहा था। 

मेले की रौनक फीकी पड़ी 

पशुपालकों का कहना था कि नगर पालिका एवं जिला प्रशासन को जनपद के विभिन्न तहसीलों एवं जिले के बॉर्डर पर होर्डिंग एवं बैनर लगाकर प्रचार प्रसार करना चाहिए था। 

मेले पहुंचे कुछ पशु व्यापारियों ने बताया कि डाला छठ के बाद पशुओं की आवक बढ़ सकती है।

बदइंतजामी के चलते मेले की जानकारी नहीं 

जानकारी के अनुसार चार दिन में नंदीग्राम मेले से नगर पालिका प्रशासन को एंट्री के नाम पर 28000 रुपए प्राप्त हुए। जबकि दो दिन में दो घोड़े बीके, जिसमें रजिस्ट्रेशन के नाम पर 800 प्राप्त हुआ। जबकि पहले यह लाखों में पहुंच जाता था।

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ताजा जानकारी के अनुसार आने वाले पशु व्यापारियों व अतिथियों की सुरक्षा की व्यवस्था की नगर पालिका प्रशासन द्वारा की जा रही है। लेकिन नगर पालिका व जिला प्रशासन द्वारा प्रचार-प्रसार जनपद स्तर पर नहीं किए जाने के कारण ददरी मेले के नंदीग्राम पशु मेले में पशुओं की आवक कम हो गई है। 

नगर पालिका ने नही किया प्रचार

पशु पालकों ने बताया कि अगर नगर पालिका ने जिले के विभिन्न तहसील, चौराहा एवं बॉर्डर पर नंदीग्राम पशु मेला का प्रचार- प्रसार करने के लिए होर्डिंग या बैनर लगाया गया होता तो नंदीग्राम मेले में पशुओं की भरमार लग गई होती। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। 

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