भारत-बांग्लादेश सीमा पर ‘बॉर्डर हाट’ की तर्ज पर ‘बॉर्डर अस्पताल का निर्माण हो: बांग्लादेशी सांसद
सांसद और पेशे से डॉक्टर प्राणगोपाल दत्ता ने भारत और बांग्लादेश की सीमा पर ‘नो मेंस लैंड’ पर ‘बॉर्डर हाट’ की तर्ज पर ‘बॉर्डर अस्पताल’ बनाने का विचार पेश किया है ताकि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा सके।
बांग्लादेश: सांसद और पेशे से डॉक्टर प्राणगोपाल दत्ता ने भारत और बांग्लादेश की सीमा पर ‘नो मेंस लैंड’ पर ‘बॉर्डर हाट’ की तर्ज पर ‘बॉर्डर अस्पताल’ बनाने का विचार पेश किया है ताकि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराई जा सके।
कोमिल्ला से सांसद और ढाका स्थित बंगबंधु शेख मुजीब चिकित्सा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति दत्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच चिकित्सा क्षेत्र में सहयोग को और बढ़ाया जाना चाहिए।
एक सेमिनार में यहां शिरकत करने आये दत्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ से की गई बातचीत में कहा, ‘‘दोनों देशों द्वारा स्थानीय उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए शुरू ‘बॉर्डर हाट’ सफल मॉडल के रूप में उभरा है। मेरा मानना है बॉर्डर अस्पतालों का विचार भी सफल होगा। दोनों सरकार इसपर काम कर सकती है। मैं इस विचार को भारत और बांग्लादेश के अलग-अलग मंचों पर प्रस्तावित करूंगा।’’
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दत्ता ने कहा, ‘‘सीमा के दोनों ओर रह रहे लोग गरीबी से जूझ रहे हैं और उनलोगों को इस पहल से सबसे अधिक लाभ होगा। इसके अलावा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध भी बढ़ेंगे।’’
उन्होंने ने कहा कि भारत और बांग्लादेश इन प्रस्तावित परियोजना में निवेश कर सकते हैं और प्रशासनिक नियंत्रण दोनों देशों के सरकारी अधिकारियों के हाथों में ही होनी चाहिए।
त्रिपुरा राज्य के योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष डॉ.अशोक सिन्हा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे अस्पताल स्थापित करने पर विचार कर रहे हैं। मेरा मानना है कि यह व्यावहारिक परियोजना है और यह सफल होता है तो सपना सच हो सकता है।’’
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उन्होंने कहा कि इसके लिए मेडिकल वीजा का प्रावधान किया जा सकता है।
गौरतलब है कि पूर्वोत्तर राज्य में दो ‘बॉर्डर हाट’ स्थापित किए गए हैं जिनमें से एक सिपाही जिले के कमलासागर में और दूसरा दक्षिण त्रिपुरा के श्रीनगर में है।
सीमा के दोनों ओर पांच किलोमीटर के दायरे में लोग अपने-अपने उत्पाद हाट में बेच सकते हैं।