जोशीमठ में फिलहाल दो होटल ही गिराए जाएंगे
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण लटक गए सिर्फ दो होटलों को ही गिराने के आदेश दिए गए हैं और इसके अलावा रहने के लिए असुरक्षित घोषित अन्य किसी मकान को फिलहाल नहीं तोड़ा जा रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जोशीमठ: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को स्पष्ट किया कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण लटक गए सिर्फ दो होटलों को ही गिराने के आदेश दिए गए हैं और इसके अलावा रहने के लिए असुरक्षित घोषित अन्य किसी मकान को फिलहाल नहीं तोड़ा जा रहा है।
भूधंसाव से प्रभावित जोशीमठ के लिए नोडल अधिकारी सुंदरम ने जोशीमठ में संवाददाताओं को बताया, ‘‘मैं एक बात साफ करना चाहता हूं कि जोशीमठ में भूधंसाव के कारण लटक गए केवल दो होटलों को ही अब तक गिराने का आदेश है क्योंकि ये होटल आसपास के भवनों के लिए भी खतरा बन गए हैं। इसके अलावा अभी किसी भी भवन को नहीं तोड़ा जा रहा है।’’
भूधंसाव के कारण खतरनाक तरीके से एक-दूसरे की ओर झुक गए होटलों—द माउंट व्यू और मलारी इन—को गिराने का फैसला लिया गया है।
उन्होंने कहा कि मकानों पर लाल निशान उन्हें खाली करवाने के लिए लगाया गया है।
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यह पूछे जाने पर कि होटलों को तोड़ने की कार्रवाई कब शुरू होगी, अधिकारी ने कोई समय सीमा नहीं दी लेकिन कहा कि उन्होंने हितधारकों से एक बार फिर बातचीत की है जो सकारात्मक वातावरण में हुई है।
सरकार द्वारा हितधारकों का पूरा ध्यान रखे जाने की बात दोहराते हुए सुंदरम ने कहा कि भूधंसाव से प्रभावित भवनों का सर्वेक्षण किया जा रहा है और असुरक्षित भवनों से लोगों का सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी विस्थापन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को तात्कालिक तौर पर 1.5 लाख रुपये की अंतरिम सहायता दी जा रही है जिसमें 50 हजार रुपये मकान बदलने तथा एक लाख रुपये आपदा राहत मद से अग्रिम धनराशि के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है जो बाद में समायोजित किया जाएगा।
अधिकारी ने कहा कि जो लोग किराए के मकानों में जाना चाहते है, उन्हें छह महीने तक चार हजार रुपये प्रतिमाह राशि दी जाएगी।
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इससे पूर्व, उन्होंने हितधारकों एवं स्थानीय लोगों के साथ बैठक में कहा कि भूधंसाव से प्रभावित लोगों को बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा और यह बाजार दर हितधारकों के सुझाव लेकर जनहित में तय की जाएगी।
जोशीमठ नगर क्षेत्र में 723 भवनों को भूधंसाव से प्रभावित के रूप में चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आयी हैं। सुरक्षा के दृष्टिगत बुधवार तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है।