डॉक्टर पर लगा जुर्माना, अस्पताल हुआ सील, जानिये मरीज की मौत से जुड़ा ये पूरा मामला
भदोही जिले में ऑपरेशन के लिए जरूरत से ज्यादा मात्रा में बेहोशी की दवा (एनेस्थीसिया) दिए जाने से एक युवक की मौत की पुष्टि होने पर सोमवार को पुलिस ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर तथा अन्य कर्मियों के खिलाफ इलाज में लापरवाही से मौत के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
भदोही: भदोही जिले में ऑपरेशन के लिए जरूरत से ज्यादा मात्रा में बेहोशी की दवा (एनेस्थीसिया) दिए जाने से एक युवक की मौत की पुष्टि होने पर सोमवार को पुलिस ने एक निजी अस्पताल के डॉक्टर तथा अन्य कर्मियों के खिलाफ इलाज में लापरवाही से मौत के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
इस मामले में जिलाधिकारी गौरांग राठी के निर्देश पर अस्पताल का पंजीयन निलम्बित कर अस्पताल को सील करते हुए उसके संचालक पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्य चिकित्सा अधिकारी संतोष कुमार चक ने बताया कि जिले के औराई इलाके के निवासी विनय तिवारी पेट दर्द की शिकायत पर पिछले साल 30 नवम्बर को शहर के राम राय पुर स्थित एक निजी अस्पताल गये थे। वहां अस्पताल के संचालक डॉक्टर गणेश यादव और उसकी पत्नी डॉक्टर सुशीला यादव ने तिवारी को अपेंडिक्स की समस्या होने की बात कहते हुए ऑपरेशन कराने के लिये कहा था।
उन्होंने बताया कि चिकित्सकों की राय पर तिवारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ऑपरेशन से पहले तिवारी को बेहोश किया गया, तभी डॉक्टरों को एहसास हो गया कि बेहोशी की दवा ज्यादा दे दी गई है। लिहाजा उन्होंने ऑपरेशन नहीं किया। स्थिति लगातार गम्भीर रहने पर चिकित्सकों ने तिवारी के परिजन से कहा कि वह उन्हें ले जाएं। परिजन ने जब तिवारी को देखा तो उनकी मौत हो चुकी थी। इस पर परिजन ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा किया।
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चक ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर तीन डॉक्टरों की टीम से मौत के कारणों की जांच कर रिपोर्ट माँगी गयी। जांच टीम से मिली रिपोर्ट में बेहोशी की दवा की अत्यधिक मात्रा को मौत का कारण बताया गया।
उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी राठी के निर्देश पर मामले में कार्रवाई करते हुए सोमवार को डॉक्टर सुशीला यादव के नाम से पंजीकृत अस्पताल का पंजीकरण निलम्बित कर अस्पताल को सील कर दिया गया और उसके संचालक डॉक्टर गणेश यादव पर ढाई लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, इस मामले में शहर कोतवाली में डॉक्टर गणेश यादव और अन्य कर्मियों के खिलाफ धारा 304-क (इलाज में लापरवाही से मौत) का मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है।