कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों के ट्रेक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा बाद अब देश के नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ पर जानिए किसने क्या कहा
घटना की निंदा
कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में निकाले जा रहे ट्रेक्टर मार्च के दौरान प्रदर्शनकारी लाल किले में घुस गए और वहां अपना झंडा लहरा दिया, इस घटना की कई लोगों ने निंदा की है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी
घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, "हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुकसान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!"
कांग्रेस नेता शशि थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने शुरू से ही किसानों के विरोध का समर्थन किया है लेकिन मैं अराजकता की निंदा नहीं कर सकता और #RepublicDay पर कोई झंडा नहीं बल्कि पवित्र तिरंगा लाल किले के ऊपर लहराना चाहिए।”
शिवसेना नेता संजय राउत
वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि- अगर सरकार चाहती तो आजकी हिंसा रोक सकती थी. दिल्ली में जो चल रहा है उसका समर्थन कोई नही कर सकता. कुछ भी हो लाल किले और तिरंगे का अपमान सहन नही करेंगे। लेकिन माहौल क्यूं बिगड़ गया? सरकार किसान विरोधी कानून रद्द क्युं नही कर रही? क्या कोई अदृश्य हाथ राजनीति कर रहा है? जय हिंद।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि- देश की राजधानी दिल्ली में कल गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह कतई भी नहीं होना चाहिए था। यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण तथा केन्द्र की सरकार को भी इसे अति-गंभीरता से ज़रूर लेना चाहिए
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि 'भाजपा सरकार ने जिस प्रकार किसानों को निरंतर उपेक्षित, अपमानित व आरोपित किया है, उसने किसानों के रोष को आक्रोश में बदलने में निर्णायक भूमिका निभायी है। अब जो हालात बने हैं, उनके लिए भाजपा ही कसूरवार है। भाजपा अपनी नैतिक जिम्मेदारी मानते हुए कृषि-कानून तुरंत रद करे।'
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