Farmers Protest: दिल्ली बॉर्डर पर हजारों किसानों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, 5 एंट्री प्वाइंट्स ब्लॉक करने का ऐलान
कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमा पर किसानों का धरना आज पांचवे दिन भी जारी है। किसानों ने अब अपने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: केंद्र के कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन और धरना-प्रदर्शन आज पांचवें दिन भी जारी है। किसानों ने अब अपने आंदोलन को और तेज करने के ऐलान के साथ ही राजधानी दिल्ली के 5 एंट्री प्वाइंट्स को ब्लॉक करने की बड़ी चेतावनी दी है। किसानों के आंदोलन के कारण कई राजमार्ग और सड़कें बंद हैं, जिस कारण यातायात ठप्प होने से दिल्ली-एनसीआर आने वाले लोगों को लिये भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली-हरियाणा सीमा पर स्थित सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की तादाद में किसान 26 नवंबर से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश से दिल्ली में प्रवेश करने वाले मुख्य रास्ते गाजीपुर बॉर्डर पर भी रविवार से किसान प्रदर्शन कर रहे है। किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिये सीमा पर भारी सुरक्षा बल और पुलिसकर्मी तैनात हैं।
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प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने दिल्ली के बुराड़ी में स्थित निरंकारी ग्राउंड में आंदोलन करने और वहां आकर बातचीत करने की सरकार की अपील को ठुकराते हुए कहा कि वे दिल्ली की सीमाओं पर ही डटे रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी किसानों से बुराड़ी मैदान में आने की अपील की थी लेकिन किसानों ने कल उनका प्रस्ताव भी ठुकरा दिया।
अमित शाह के अलावा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार शाम को कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार। उन्होंने कहा कि किसान बातचीत के लिये जरूरी माहौल बनाएं, हम किसानों से चर्चा के लिए तैयार हैं। लेकिन किसानों की तरफ से अभी तक कृषि मंत्री के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। किसानों का कहना है कि वे दिल्ली बॉर्डर पर ही अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।
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किसानों के जारी आंदोलन के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पीएम मोदी से कृषि कानूनों पर फिर से विचार करने की अपील की है।
इसके अलावा किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने कहा कि बातचीत के लिए रखी गई शर्त किसानों का अपमान है। उन्होंने कहा कि सरकार की अपील पर हम बुराड़ी के निरंकारी मैदान में कभी भी आंदोलन के लिये नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि बुराड़ी ओपन पार्क नहीं है, बल्कि यह एक ओपन जेल है।