Tirupati Temple Stampede: तिरुपति बालाजी मंदिर में कैसे मची भगदड़? सामने आई बड़ी वजह

डीएन ब्यूरो

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात को वैकुंठ द्वार दर्शन के दौरान भगदड़ मचने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



कर्नाटक: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात को वैकुंठ द्वार दर्शन के दौरान भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया। घटना में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हो गए। 

कैसे हुआ हादसा?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालु टोकन लेने के लिए कतारबद्ध थे। बैरागी पट्टीडा पार्क के पास अचानक भीड़ अनियंत्रित हो गई, जिससे भगदड़ मच गई। अधिकारियों के अनुसार, कतार में लगभग 4,000 लोग मौजूद थे। मृतकों में एक महिला मल्लिका भी शामिल हैं। घायलों को तुरंत तिरुपति के रुया अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

घटना पर मंदिर प्रशासन की प्रतिक्रिया

टीटीडी के चेयरमैन बीआर नायडू ने हादसे पर खेद जताते हुए श्रद्धालुओं से संयम बनाए रखने की अपील की है। घटना के तुरंत बाद उन्होंने इमरजेंसी बैठक बुलाई और मीडिया को बताया कि प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नियंत्रण पाने में जुटा है। चेयरमैन ने कहा कि सभी घायलों की स्थिति अब स्थिर है और उन्हें उचित चिकित्सा सहायता दी जा रही है।

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मुख्यमंत्री ने जताया शोक 

मुख्यमंत्री नायडू ने घटना पर शोक जताते हुए तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने अधिकारियों के साथ फोन पर चर्चा की और मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह सुबह तिरुपति पहुंचकर मृतकों और घायलों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा करेंगे।

वैकुंठ द्वार दर्शन में भीड़ का बढ़ता दबाव

वैकुंठ द्वार दर्शन हर साल 10 दिन के लिए खोला जाता है। इस दौरान लाखों श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। पिछले साल करीब 7 लाख भक्तों ने दर्शन किए थे। इस साल भी भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए कई काउंटर स्थापित किए गए थे, लेकिन व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं।

इस वजह से हुआ हादसा

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मंदिर प्रशासन के अनुसार, एक महिला श्रद्धालु की तबीयत खराब होने के कारण पुलिसकर्मी ने गेट खोला, जिससे भगदड़ मच गई। शुरुआती जांच में यह भी पता चला है कि भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय पर्याप्त नहीं थे।

यह घटना एक बार फिर से ऐसे बड़े आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन की कमी को उजागर करती है। मंदिर प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए व्यापक व्यवस्था सुनिश्चित करने का वादा किया है।

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