Rahul Gandhi Dual Citizenship: राहुल गांधी हैं ब्रिटिश नागरिक? इलाहाबाद HC ने बढ़ाई टेंशन; जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

ईलाहाबाद हाइकोर्ट ने राहुल गांधी के दोहरे ब्रीटीश नागकिरता पर केन्द्र सरकार को दिशा निर्देश दिया । पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट का कड़ा आदेश
राहुल गांधी की नागरिकता पर हाईकोर्ट का कड़ा आदेश


लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की नागरिकता के विवादित मामले से जुड़ी जानकारी पेश करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है। यह मामला काफी समय से चर्चा में है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। इस संबंध में कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

राहुल गांधी की संभावित ब्रिटिश नागरिकता की जांच की मांग

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने की। याचिकाकर्ता कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने भी राहुल गांधी की संभावित ब्रिटिश नागरिकता के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 21 अप्रैल तय की है।

हाईकोर्ट ने केंद्र को दी 24 मार्च तक की डेडलाइन

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इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार को राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़े मामले में जरूरी कार्रवाई का ब्योरा पेश करने के लिए 24 मार्च तक का समय दिया था। कोर्ट ने केंद्र से यह भी पूछा था कि याचिकाकर्ता द्वारा दी गई जानकारी पर अब तक क्या कार्रवाई की गई है। यह मामला विभिन्न राजनीतिक हलकों में विवाद का कारण बन गया है और इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी देखने को मिल रही है।

बीजेपी ने राहुल गांधी पर उठाए सवाल

बीजेपी के कई नेताओं ने राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर सवाल उठाए हैं और इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार के तौर पर पेश किया है। वहीं, कांग्रेस इस आरोप को सिरे से खारिज कर रही है और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा मान रही है। कांग्रेस का कहना है कि यह मामला राहुल गांधी के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश का नतीजा है और वे इसे पूरी तरह से झूठा बताते हैं

राहुल गांधी ने इस आरोप को निराधार बताया 

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राहुल गांधी खुद भी कई बार इस आरोप पर प्रतिक्रिया दे चुके हैं और इसे बेबुनियाद करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा है कि वे भारतीय नागरिक हैं और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति में कमजोरी का प्रतीक हैं। यह विवाद राजनीतिक माहौल को गर्मा रहा है, जिसका असर आगामी चुनावों पर पड़ सकता है।

अब सबकी निगाहें गृह मंत्रालय पर टिकी हैं कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए समय पर संबंधित जानकारी पेश कर पाता है या नहीं। यह मामला न केवल राहुल गांधी के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे राजनेताओं की नागरिकता और रिश्तों पर नई बहस शुरू हो सकती है।










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