Delhi High Court: कोविड में मृत कांस्टेबल के परिजनों को मुआवजा देने पर फैसला रोककर रखना सही नहीं

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ड्यूटी करते हुए कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले पुलिस कांस्टेबल के परिवार के एक करोड़ रुपये मुआवजे के दावे पर फैसला दिल्ली सरकार के मंत्रिसमूह द्वारा रोककर रखना ठीक नहीं है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)
दिल्ली उच्च न्यायालय (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि ड्यूटी करते हुए कोविड-19 के कारण जान गंवाने वाले पुलिस कांस्टेबल के परिवार के एक करोड़ रुपये मुआवजे के दावे पर फैसला दिल्ली सरकार के मंत्रिसमूह द्वारा रोककर रखना ठीक नहीं है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि पुलिस अधिकारियों की रिपोर्ट और दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा उप राज्यपाल के उस समय किये गये ट्वीट से इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि 28 साल के कांस्टेबल की कोविड-19 के दौरान सेवाएं देते हुए जान गयी।

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न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने सुनवाई के लिए दो मार्च की तारीख तय करते हुए कहा, ‘‘इसलिए फैसले को रोककर रखना या स्पष्टीकरण मांगना प्रथम दृष्टया उचित नहीं है। मामले को मंत्रिसमूह के समक्ष रखा जाए और अगली सुनवाई से पहले फैसला लिया जाए।’’

याचिकाकर्ता महिला के पति की 5 मार्च, 2020 को मौत हो गयी थी। उस समय वह गर्भवती थीं। कांस्टेबल कोविड-19 संबंधी लॉकडाउन के अनुपालन के लिए दीप चंद बंधु अस्पताल में तैनात थे।

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उच्च न्यायालय ने गत दिसंबर में अधिकारियों से कहा था कि कांस्टेबल के परिवार को एक करोड़ रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का फैसला किया जाए।










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