DN Exclusive: यूपी राज्य संपत्ति विभाग के दो लापरवाह अधिकारियों की करतूत से सरकार की छवि धूमिल

जय प्रकाश पाठक

यूपी राज्य संपत्ति विभाग के दो अधिकारियों योगेश शुक्ला और सुधीर रुंगटा की भयंकर लापरवाही के कारण राज्य सरकार की प्रतिष्ठा को लगातार बट्टा लग रहा है। इस विभाग के अधीन आने वाले राज्य के गेस्ट हाउस कभी काफी प्रतिष्ठित हुआ करते थे, लेकिन वर्तमान में सभी अतिथि गृह इन अधिकारियों की अनदेखी तरह-तरह की समस्याओं से घिर गये हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



लखनऊ: देश के सबसे बड़े राज्य की राजधानी लखनऊ में स्थित मीराबाई गेस्ट हाउस कभी यूपी की शान हुआ करता था, जो हर पल देश के विभिन्न कोनों से आने वाले वीवीआईपी मेहमानों की मेहमान नवाजी के लिये हर वक्त तैयार और सजा-धजा रहता था, लेकिन राज्य संपत्ति विभाग के दो लापरवाह अधिकारियों राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश शुक्ला और सहायक राज्य संपत्ति अधिकारी सुधीर रुंगटा की मनमानी के कारण न केवल इस प्रतिष्ठित गेस्ट हाउस की पहचान अब धूमिल हो रही है बल्कि विभाग की साख भी लगातार गिरती जा रही है। आलम यह है कि विभागीय कर्मचारियों समेत संपत्ति विभाग के गेस्ट हाउसों में ठहरने वाले अतिथि भी इन अधिकारियों की मनमानी से परेशान है। मनबढ़ अधिकारियों के कारण विभाग की कमजोर होती साख और गेस्ट हाउसों में सुविधाओं का अकाल हैरान करने वाला है।

 

योगेश शुक्ला, राज्य संपत्ति अधिकारी सवालों के घेरे में

 

यूपी राज्य संपत्ति विभाग के तहत लखनऊ के दो प्रमुख गेस्ट हाउसों के अलावा, देश की राजधानी दिल्ली में स्थित यूपी सदन, यूपी भवन, यूपी की सरकारी गाड़ियां समेत राज्य के कई और प्रमुख वीआईपी और वीवीआईपी के आवास आदि आते हैं। लंबे समय से योगेश शुक्ला राज्य संपत्ति अधिकारी और सुधीर रुंगटा सहायक राज्य संपत्ति अधिकारी के पद पर तैनात हैं। दोनों की मनमानी चरम पर है। जरुरतमंद जहां कमरों को तरसते हैं वही ये अपने चहेतों को मनमाने तौर पर कमरे देकर उपकृत करते हैं। गाड़ियों के तेल से लेकर हर एक चीज में खेल किया जा रहा है. ये अपने एसी कमरों से निकल कर कभी भी अपने अधीन आने वाले गेस्ट हाऊसों की व्यवस्थाओं का जायजा लेना तक उचित नही समझते।

पीएम मोदी और सीएम योगी के स्वच्छता अभियान को पलीता

शुक्ला और रुंगटा ने स्वच्छता अभियान को लेकर पीएम मोदी और सीएम योगी की सोच के खिलाफ जमकर काम किया है। इस खबर में देखिये कैसे इन दोनों के अधीन आने वाले गेस्ट हाऊसों में गंदगी की भरमार है। 

सुधीर रुंगटा, सहायक राज्य संपत्ति अधिकारी की लापरवाही बनी जी का जंजाल

 

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गेस्ट हाउस पड़ा बीमार

डाइनामाइट न्यूज़ ने वर्षों पुराने मीरा गेस्ट हाउस की जब पड़ताल की तो उक्त दोनों अधिकारियों की चौंकाने वाली कई तरह की लापरवाही सामने आयी। विभाग का सारा जिम्मा संभालने के नाते इस गेस्ट हाउस का रखरखाव और साज-सुविधाओं को मुहैय्या कराना भी इन दोनों अधिकारियों की ही जिम्मदारी बनती है, लेकिन यहां देखकर लगता है कि दोनों ने अपनी जिम्मेदारियों से आंखें मूंद ली है। विभाग के इन दो शीर्ष मनबढ़ अधिकारियों की मनमानी से यह गेस्ट हाउस बीमार सा होने लगा है। इन दोनों ही अधिकारियों का लंबे समय से विभाग में डटे रहना भी इस समस्या का बड़ा का कारण है। यहां ठहरने वाले अतिथियों का भी मानना है कि जब उच्चाधिकारी ही गेस्ट हाउस में व्याप्त समस्याओं को नजरअंदाज करेंगे तो गेस्ट हाउस की साख का गिरना और आंगतुकों की उपेक्षा होना स्वाभाविक है। 

 

 

चारों तरफ असुविधाएं 

गेस्ट हाउस की पड़ताल के लिये जब डाइनामाइट न्यूज़ टीम इस स्टेट गेस्ट हाउस में पहुंची तो उसमें कुछ वीवीआईपी लोग भी ठहरे हुए थे। गेस्ट हाउस में प्रवेश करते ही इसके परिसर में कई तरह की असुविधाएं देखने को मिली। मसलन.. साफ-सफाई का अभाव, बिल्डिंग की दीवारों में दरारें, दागदार वॉल्स, पानी की निकासी का अभाव, गंदगी से भरी नालियां, शौचालय में टूटी हुई फर्श, बरसात के मौसम मे फिसलन भरी फर्श आदि देखने को मिली। यहां ठहरे अतिथियों का कहना है कि यहां अन्य कई तरह की असुविधाओं से भी उनका सामना होता है।

 

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कमरों को अलॉट करने के नाम पर भ्रष्टाचार 

गेस्ट हाउस से जुड़े एक सूत्र ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि गेस्ट हाउस के कमरों को अलॉट करने में भारी मनमानी की जाती है, अधिकारियों और प्रबंधन वर्ग की अनुशंसा पर कमरों को दिया जाता है। कई बार कमरे खाली होने के बाद भी अलॉट नहीं किये जाते है। अधिकारी अपनी मनमर्जी से अपने चहेतों को ही कमरे देते है। कमरों को अलॉट करने के नाम पर भारी भ्रष्टाचार किया जाता है, जो उक्त अधिकारियों के इशारे पर होता है।

विभाग ने मूंदी आंखें

मीराबाई गेस्ट हाउस में ठहरे एक अतिथि मनोज और एक पूर्व सांसद ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि गेस्ट हाउस में कई तरह खामियां है, इसके संचालन में भी अधिकारियों की मनमानी सामने आती है। यहां मौजूद खामियों के कारण योगी सरकार की छवि को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। उक्त दो अधिकारियों द्वारा अपनी जिम्मेदारियों से आंखें मूंद लेने से विभाग की साख लगातार गिरती जा रही है। 
 










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