'एक पार्टी..एक पद' के सिद्धांत वाली पार्टी भाजपा को कब मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष...

डीएन ब्यूरो

2024 लोक सभा चुनाव से पहले जब तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हुआ था, तब पार्टी की तरफ से कहा गया था कि आम चुनावों के ठीक बाद पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर घोषणा की जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जानें क्या है कारण.. डाइनामाइट न्यूज की इस खोजी रिपोर्ट में...

बड़ा सवाल...कौन बनेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष?
बड़ा सवाल...कौन बनेगा राष्ट्रीय अध्यक्ष?


नई दिल्ली: देश में किसी भी तरह के चुनाव हों उसके लिए राजनीतिक गलियारों में चर्चा ज़रूर होती है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश यानी भारत में मौजूदा समय में बीजेपी को सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर देखा जाता है। वहीं पार्टी के नेता भी अपने संगठन में सबसे ज्यादा सदस्य होने के दावे करते हैं।बीजेपी ने लोक सभा चुनाव के बाद हुए सभी चुनावों में जीत का स्वाद चखा है।

डाइनामाइट न्यूज के मुताबिक,पार्टी संगठन से लेकर सरकार तक में हर जगह मजबूत नज़र आ रही है लेकिन इस मजबूती के बावजूद भी पार्टी काफी समय से राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर मुहर नहीं लगा पाई है। जिसके चलते केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा बीते काफ़ी समय से कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कुर्सी संभाले हुए हैं। हालांकि 2024 लोक सभा चुनाव से पहले जब तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हुआ था, तब पार्टी की तरफ से कहा गया था कि आम चुनावों के ठीक बाद पार्टी में नए अध्यक्ष को लेकर घोषणा की जाएगी।

फिलहाल उस बात को लगभग 2 साल के आस पास का वक्त हो चुका है, जिसके चलते बीजेपी से लेकर पूरे देश में नए अध्यक्ष की देरी को लेकर सुगबुगाहट हो रही है,और साथ ही नए चेहरों के नाम पर भी कश्मश हो रही है। वहीं सभी राजनीतिक पंडित और विशेषज्ञ भी अपने अपने हिसाब से इसको लेकर अनुमान लगा रहे हैं,और तर्क दे रहे हैं।

दक्षिण को मिल सकती है पार्टी की कमान

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देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के अंदर सर्वसम्मति के साथ यानी बिना किसी चुनाव के अध्यक्ष पद को लेकर फैसला लिया जाता है। और संगठन की जिम्मेदारी सौंपी जाती है। पार्टी की तरफ इसको लेकर तर्क दिया जाता है कि ऐसा करने से आपसी टकराव की स्थिति नहीं बनती है और योग्यता के आधार पर किसी को भी मौका दे दिया जाता है। बीजेपी की स्थापना सन् 1980 में हुई थी, तब से लेकर अब तक पार्टी देश के दक्षिण हिस्से में कर्नाटक छोड़कर किसी भी हिस्से में सरकार बनाने में नाकाम रही है।

वहीं आम चुनावों के दौरान भी पार्टी कोई खास प्रदर्शन नहीं कर पाई है। हालांकि पार्टी इन क्षेत्रों में पहले की तुलना में कुछ मजबूत जरूर हुई है। लेकिन फिर भी देश के और हिस्सों की अपेक्षा बेहद कमजोर है। बीजेपी खुद को  दक्षिण में मजबूत करना चाहती हैं। जिसके चलते कुछ सूत्र दावे कर रहे हैं कि अबकी बार देश के दक्षिणी भाग से पार्टी का मुखिया चुना जा सकता है। बताया जा रहा है कि आंधप्रदेश के विंध्याचल क्षेत्र से आने वाले दग्गुबाती पुरंदेश्वरी बीजेपी की कमान संभालते हुए नज़र आ सकते हैं।

दग्गुबाती मौजूदा समय में आंध्र प्रदेश के बीजेपी प्रमुख हैं। वहीं आंध्र प्रदेश प्रमुख की तरह ही इसी राज्य से आने वाली एक और महिला नेत्री बनती श्रीनिवासन को भी पार्टी मुखिया बनाया जा सकता है। बीजेपी महिला मोर्चा प्रमुख श्रीनिवासन फिलहाल प्रदेश के कोयंबटूर से विधायक भी है। पार्टी में इसके अलावा भी दक्षिण के कुछ बड़े चेहरे हैं, जिनका नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में चल रहा है।

महिला को मिल सकती है कमान...

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बीजेपी की स्थापना हुए करीब 45 साल हो गए हैं। लेकिन इतने सालों में जितने भी पार्टी मुखिया बने हैं, वह सब पुरुष ही बने हैं। महिलाओं को बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी से दूर रखा है। ऐसा नहीं है कि पार्टी में इस पद के लिए कोई योग्य महिला नहीं हुई हैं। क्योंकि सुषमा स्वराज, उमा भारती और स्मृति ईरानी जैसी तेज तर्रार नेता इसी पार्टी से जुड़ी हुई हैं। बता दें कि काफी समय से बेटी को पढ़ाने और आगे बढ़ाने वाली बीजेपी पर सवाल उठाए जाते रहे हैं कि उन्होंने पार्टी की कमान आज तक महिला क्यों नहीं सौंपी है।

वहीं देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस अब तक कई बार राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंप चुकी हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि पार्टी अपने विरोधियों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए किसी महिला को आगे ला सकती है।










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