Fake Food Items: आप भी खातें है पनीर तो रहें सावधान, बाजार में बिक रहा नकली माल, जानिये कैसे करें असली की पहचान
देश में खाने-पीने की चीजों में मिलावट और नकली खाद्य पदार्थों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। नकली माल और असली में कैसे करें पहचान। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी खबर

नई दिल्ली: यदि आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो खाने-पीने के शोकीन हैं तो ये बुलेटिन आपके लिये जरूरी है। यदि आपके घर में भी पनीर का इस्तेमाल होता है तो ये आपके लिये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। देश में खाने-पीने की चीजों में मिलावट और नकली खाद्य पदार्थों के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। पेट की भूख और टेस्ट के लिये हर आदमी जाने-अनजाने में तरह-तरह के फूड आइटम खरीदता रहता है। दूसरी तरफ व्यापारी ज्यादा लाभ कमाने और लालच के चक्कर में खाने-पीने की चीजों की गुणवत्ता को भी ताक पर रख लेते हैं और आम आदमी पैसे देने के बावजूद भी नकली खाद्य पदार्थों का शिकार हो जाता है।
डाइनामाइट न्यूज के मुताबिक, अब सरकार ने भी नकली खाद्य पदार्थों के बढ़ते मामलों को गंभीरता से लिया है। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्जनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बाजार में बेची जा रही नकली पनीर के मामले को लेकर केद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखा है। प्रह्लाद जोशी ने इस पत्र में गंभीर चिंता जताई है।
आखिर क्या है ये मामला
हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या है ये मामला और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने क्या कुछ लिखा है इस पत्र में। हम ये भी बताएंगे कि नकली पनीर कैसे आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। कैसें आप असली और नकली पनीर की आसानी से पहचान कर सकते हैं और क्या हैं नकली पनी बेचने की सजा। इन तमाम मुद्दों की बात करने से पहले हम आपको उस पत्र में लिखी बातों के बारे में बताते हैं, जो प्रह्लाद जोशी ने जेपी नड्डा को लिखा है।
प्रह्लाद जोशी ने पत्र लिख किया खुलासा
प्रह्लाद जोशी ने अपने पत्र में देश के कई हिस्सों में फास्ट फूड जॉइंट्स, रेस्टोरेंट्स और आम बाजारों में खुलेआम नकली और मिलावटी पनीर को खुलेआम बेचने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि नकली और मिलावटी पनीर के कारण लोगों में खाने की गुणवत्ता और सुरक्षा को लेकर लगातार डर रहा है, खासतौर पर उन उपभोक्ताओं में, जो पनीर को मुख्य पोषक तत्व के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय से आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया, ताकि देश भर में खाद्य सुरक्षा मानकों यानि फूड सैफ्टी स्टैंडर्ड का सख्ती से पालन किया जा सके।
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बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने नेशनल कंज्यूमर पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कराईं है, जो देशभर में नकली और मिलावटी पनीर के इस्तेमाल और बिक्री के बढ़ते चलन को दर्शता है।
जोशी के इस पत्र ने देश के लाखों लोगों की समस्याएं बयां की है। इसके साथ ही ये भी पता चलता है कि देश में किस तरह से बाजारों में नकली पनीर बेचकर आम लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे बेचने और परोसने वालों में कई बड़े फूड आउटलेट्स से लेकर रेस्टोरेंट्स और आम व्यापारी भी हो सकता है। कई बार बेचने वाले को भी पता नहीं होता कि उसका पनीर नकली है।
सेहत के लिए हानिकारक
हमारे बाजारों में असली पनीर की जगह मिलावटी पनीर बेचने का ट्रेंड इतना व्यापक हो चुका है कि असली और नकली में आम लोगों के लिये फर्क करना मुश्किल हो गया है। इस तरह के मिलावटी या नकली पनीर के सिंथेटिक पनीर भी कहते हैं। ये सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसे बनाने के लिए कई तरह के रसायन इस्तेमाल किए जा सकते हैं जैसे - यूरिया, कोलतार डाई, डिटर्जेंट, सफ्लरिक एसिड। इसमें असली दूध की जगह कई बार रिफाइंड, गेहूं का आटा (मैदा), भी मिलाया जाता है। इसे तैयार करे के लिए दूध में सोडियम बाइकार्बोनेट यानी बेकिंग सोडा मिलाया जाता है। फिर इस मिश्रण में पाम ऑयल या वनस्पति तेल मिलाया जाता है। आखिर में, इस मिश्रण में बेकिंग पाउडर डालकर किसी बर्तन में जमने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसे जमने के बाद ही पनीर की तरह बाजार में बेचा जाता है, जो आम आदमी के पेट तक पहुंचता है।
नकली और मिलावटी खाने-पीने वाली चीजों का सेवन गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। नकली या मिलावटी पनीर खाने से पेट से जुड़ी समस्याएं, फूड पॉइजनिंग, एलर्जी, इम्यून सिस्टम का कमजोर होना और यहां तक कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का खतरा हो सकता है। ऐसे में असली और नकली पनीर का अंतर जानना भी जरूरी हो जाता है। पनीर का थोड़ा सा टुकड़ा लेकर हाथों से मसलें। अगर यह भुरभुरे रूप में आ जाता है, तो इसका मतलब यह नकली है। असली पनीर ऐसे भुरभुरा नहीं होता है।
कैसे पहचाने असली पनीर
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असली पनीर स्वाद में थोड़ा क्रीमी होता है, लेकिन अगर इसे खाने के बाद आपको अलग सा स्वाद महसूस हो रहा है, तो ये मिलावटी हो सकता है। नकली पनीर की बनावट थोड़ी हार्ड होती है और वह रबड़ की तरह होता है। जबकि असली पनीर सॉफ्ट और स्पॉन्जी होता है। खरीदते वक्त इसे हल्का दबाकर चेक कर सकते हैं कि वो असली है या नकली। आम तौर पर माना जाता है कि गर्म तवे पर डालने से असली पनीर धीरे-धीरे हल्का सुनहरे रंग का होने लगता है, जबकि नकली पनीर तवे पर पिघलने लगेगा और टूटने लगेगा।
पैकेज पर लिखी डिटेल्स को जरूर पढ़ें
अगर आप मार्केट से खुला नहीं बल्कि पैकेट वाला पनीर खरीद रहे हैं, तो उसके पैकेज पर लिखी डिटेल्स को जरूर पढ़ें। हम आपको असली और नकली पनीर की ये जानकारियां सामान्य तौर पर बता रहे हैं, इसके अलावा और भी कई तरीके हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिये आप किसी एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।
नकली पनीर और मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री रोकने के लिये हमारे देश में सख्त कानून हैं। मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री की सजा का प्रावधान खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (Food Safety and Standards Act) के तहत आता है। नकली, मिलावटी, असुरक्षित खाद्य पदार्थों की बिक्री या भंडारण के मामले
एक से दस लाख रुपये तक का जुर्माना और छह साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। इतने सख्त कानून के बावजूद भी नकली और मिलावटी पनीर व खाद्य पदार्थों का मामला बेहद चिंताजनक है।
हम आपको सलाह देते हैं कि आप भी हमेशा अपने स्तर पर भी खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जरूर जांच करें और मिलावटी खाद्य पदार्थों से बचें। किसी मिलावट, नकली या संदिग्ध खाद्य पदार्थ की सूचना खाद्य सुरक्षा विभाग, पुलिस या संबंधित प्राधिकारियों को जरूर दें। हमेशा खाद्य सुरक्षा के नियमों का पालन करके दूसरों को भी जागरूक करें। ताकि हर इंसान स्वस्थ रहे।