आईपीईएफ के ‘व्यापार स्तंभ’ में शामिल होने पर अभी कोई फैसला नहीं : अधिकारी
भारत ने अभी 14वें हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के ‘व्यापार स्तंभ’ में शामिल होने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
नयी दिल्ली: भारत ने अभी 14वें हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे (आईपीईएफ) के ‘व्यापार स्तंभ’ में शामिल होने के मुद्दे पर कोई फैसला नहीं किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक आईपीईएफ एक 14 सदस्यीय समूह है। अमेरिका और एशिया-प्रशांत के अन्य भागीदार देशों ने 23 मई को तोक्यो में आईपीईएफ की शुरुआत की थी। इन 14 आईपीईएफ भागीदारों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 40 प्रतिशत हिस्सा है। इसी तरह वैश्विक वस्तु एवं सेवा कारोबार में समूह की हिस्सेदारी 28 प्रतिशत की है।
यह ढांचा व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार रोधी मुद्दे) से संबंधित चार स्तंभों के आसपास टिका है। व्यापार को छोड़कर अन्य तीन स्तंभों में भारत शामिल हो गया है। सदस्य देश इन विषयों पर अलग-अलग समझौतों पर हस्ताक्षर के लिए बातचीत कर रहे हैं।
आपूर्ति श्रृंखला को जुझारू बनाने पर बातचीत पहले ही पूरी हो चुकी है और भारत में इस करार के लिए घरेलू स्तर पर अनुमोदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
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सदस्य राष्ट्र छठे दौर की वार्ता के तहत स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था स्तंभ पर बातचीत कर रहे हैं। यह वार्ता 15 अक्टूबर से क्वालालंपुर में चल रही है और 24 अक्टूबर को पूरी होगी।
भारत की ओर वाणिज्य मंत्रालय बातचीत की अगुवाई कर रहा है। मंत्रालय व्यापार स्तंभ में शामिल होने की संभावना के तहत अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श कर रहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इसपर नजर रख रहे हैं, जानकारी जुटा रहे हैं। हमने अभी तक व्यापार स्तंभ में शामिल होने पर निर्णय नहीं लिया है। आईपीईएफ दौर के समापन के बाद हम सभी घटनाक्रमों को विभिन्न मंत्रालयों के साथ साझा करते हैं।’’
आईपीईएफ का उद्देश्य व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाना, जुझारू आपूर्ति श्रृंखलाओं का विकास और सतत विकास में तेजी लाने के लिए ओर बेहतर अनुकूल वातावरण का निर्माण करना है।
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ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलिपीन, सिंगापुर, थाइलैंड, अमेरिका और वियतनाम इस गुट के सदस्य हैं।
अधिकारी ने कहा कि भारत के पास किसी भी समय व्यापार स्तंभ में शामिल होने का विकल्प है।
इससे पहले विशेषज्ञ सुझाव दे चुके हैं कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आईपीईएफ वार्ता के नतीजे हरित उत्पाद जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन जैसे घरेलू नीतिगत विकल्पों को प्रभावित नहीं करें।