राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, केंद्र पर बोला बड़ा हमला

डीएन ब्यूरो

राज्यसभा में सोमवार को सूचीबद्ध एक प्रश्न को बाद में पूछे जाने को लेकर कुछ सदस्यों ने नाखुशी जताई और समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन ने कहा कि आसन के अलावा और कोई उन्हें बैठने के लिए कहे तो वह नहीं बैठेंगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन
समाजवादी पार्टी सांसद जया बच्चन


नयी दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को सूचीबद्ध एक प्रश्न को बाद में पूछे जाने को लेकर कुछ सदस्यों ने नाखुशी जताई और समाजवादी पार्टी की नेता जया बच्चन ने कहा कि आसन के अलावा और कोई उन्हें बैठने के लिए कहे तो वह नहीं बैठेंगी।

प्रश्नकाल के दौरान सदन में उपसभापति हरिवंश ने आज की सूची में सूचीबद्ध 17वां प्रश्न लिया और उसके बाद उन्होंने 19वां प्रश्न लिया। इस पर सदस्यों ने कहा कि 18वां प्रश्न छोड़ दिया गया है। उपसभापति ने कहा कि 19वां प्रश्न पूरा होने के बाद 18वें प्रश्न को लिया जाएगा। 18वां प्रश्न विमानन क्षेत्र से संबंधित था।

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डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सपा सदस्य जया बच्चन, कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुडा और अन्य विपक्षी सदस्यों ने जानना चाहा कि 18वें प्रश्न को क्यों छोड़ दिया गया।

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सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि 19वां प्रश्न पूरा होने के बाद 18वां प्रश्न लिया जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘कई बार त्रुटि हो जाती है।’’ उन्होंने सदस्यों से शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सही है कि प्रश्न छोड़ा नहीं जाना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे पर उपसभापति पर सदस्यों की ओर से कुछ आक्षेप लगाए जाने पर नाखुशी भी जाहिर की।

विभिन्न सदस्यों के इस मुद्दे पर हंगामा करने पर सभापति ने कहा कि 18वां प्रश्न छोड़ा नहीं जाएगा। उप्न्होंने कहा कि किसी तकनीकी कारण की वजह से 18वां प्रश्न नहीं लिया जा सका।

उन्नीसवां प्रश्न पूरा होने के बाद सभापति ने सपा की जया बच्चन को अपनी बात रखने का मौका दिया।

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जया ने कहा ‘‘उपसभापति के लिए सबके मन में सम्मान का भाव है। अगर आसन की ओर से हमें कहा जाएगा कि बैठ जाओ तो हम बैठ जाएंगे। लेकिन अगर कोई दूसरा हमें हाथ हिला-हिला कर कहे कि बैठ जाओ तो हम नहीं बैठेंगे।’’

उन्होंने कहा कि सदस्यों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘अगर आसन की ओर से कहा जाता है कि किसी समस्या के चलते सवाल नहीं लिया जा सकता तो सदस्य इसे समझेंगे क्योंकि वह स्कूल के बच्चे नहीं हैं।’’










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