Rajasthan : जयपुर में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के घर ED की छापेमारी, करोड़ों के घोटाले से जुड़ा मामला, पढ़ें पूरी खबर
राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी ने सियासी हलचल तेज कर दी है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान के पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास के जयपुर स्थित आवास पर मंगलवार सुबह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी ने प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। यह रेड PACL घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है, जिसमें करीब 48 हजार करोड़ रुपये की अनियमितताओं का आरोप है।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में स्थित खाचरियावास के आवास पर सुबह से ही ईडी की टीमें जांच कर रही हैं।
इस मामले में हो रही कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, खाचरियावास और उनके परिजनों के नाम पर PACL कंपनी से जुड़े फंड ट्रांसफर हुए थे, जो रियल एस्टेट और अन्य सेक्टरों में निवेश किए गए। इस सिलसिले में राजस्थान के 19 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है, जिनमें जयपुर के अलावा अन्य जिलों में भी कार्रवाई चल रही है। ईडी की इस कार्रवाई से कांग्रेस खेमे में नाराजगी है और कार्यकर्ता जगह-जगह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
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खाचरियावास ने दी प्रतिक्रिया
वहीं छापेमारी की खबर फैलते ही समर्थकों की भारी भीड़ खाचरियावास के घर के बाहर जमा हो गई। भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। खाचरियावास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही अंदेशा था कि ईडी की कार्रवाई हो सकती है क्योंकि वह लगातार भाजपा सरकार की आलोचना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह डबल इंजन की सरकार डर के कारण मेरे परिवार को निशाना बना रही है, लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं।”
उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि “मेरा नाम प्रताप सिंह खाचरियावास है, मुझे सबका इलाज करना आता है।” उन्होंने भाजपा नेताओं को चेतावनी दी कि सत्ता हमेशा के लिए नहीं रहती, सरकारें बदलती रहती हैं और भविष्य में कांग्रेस भी इसी तरह की कार्रवाई कर सकती है।
जानें पूरा मामला
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गौरतलब है कि PACL (पर्ल एग्रोटेक कॉर्पोरेशन लिमिटेड) घोटाले में लाखों निवेशकों को चूना लगाया गया था। कंपनी ने अवैध रूप से निवेश जुटाया और फिर पैसा प्रॉपर्टी समेत अन्य क्षेत्रों में लगा दिया। इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है और 2016 में कोर्ट ने सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी।
सेबी के अनुसार, PACL के पास करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों के फंड से चार गुना अधिक है। सेबी ने 2014 में इस कंपनी के कार्य बंद कर दिए थे और सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि निवेशकों को ब्याज सहित पैसा लौटाया जाए। इसी मामले से जुड़ी जांच में अब राजस्थान के बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति में नया भूचाल आ गया है।