जौनपुर के Atla Devi मंदिर केस पर आज नहीं हुई सुनवाई, कोर्ट ने दी नई तारीख

डीएन ब्यूरो

अटला देवी मंदिर केस की पोषणीयता व क्षेत्राधिकार पर शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

अटला देवी मंदिर
अटला देवी मंदिर


जौनपुर: अटला देवी मंदिर केस की पोषणीयता और क्षेत्राधिकार को लेकर दायर वाद में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। सिविल जज सीनियर डिवीजन ने सुनवाई के लिए अब 27 फरवरी, 2025 की तारीख तय की है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, आगरा के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कोर्ट में अटला देवी मंदिर केस की पोषणीयता और क्षेत्राधिकार को लेकर वाद दाखिल किया है। 16 नवंबर को कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए अग्रिम सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की थी।

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वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के प्रथम महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने अपनी रिपोर्ट में अटाला मस्जिद को अटला देवी मंदिर बताया है, जिसका निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद राठौर द्वारा करवाया गया था। 

अधिवक्ता अजय प्रताप के अनुसार अंग्रेज अधिकारी जेपी हेविट और ईबी हावेल ने अटाला मस्जिद की शिल्पकला को हिंदू शिल्पकला बताया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट में अटला देवी मंदिर के कई फोटोग्राफ दिए गए हैं। इन फोटो में शंख, त्रिशूल, षड्दल कमल, गुड़हल के फूल आदि हैं, जो कि हिंदू शिल्पकला है। 

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अटाला मस्जिद की जमीन राजस्व अभिलेखों में जामा मस्जिद के नाम से दर्ज है, जिसका वर्तमान मालिक केंद्र सरकार है। अटाला मस्जिद का वक़्फ़ एक्ट 1995 की धारा चार के अनुसार आज तक सर्वे नहीं हुआ है, जिस कारण उनके केस पर वक़्फ़ कानून लागू नहीं होता है। 

वाद दाखिल करने वाले अधिवक्ता के अनुसार अटाला मस्जिद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीन संरक्षित स्मारक है। इसलिए इस केस पर पूजा स्थल अधिनियम 1991 लागू नहीं होता है।










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