UP CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहुंचे गोरखनाथ मंदिर, जानिये उनका पूरा कार्यक्रम

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

होलिका दहन के शोभायात्रा में  होंगे शामिल
होलिका दहन के शोभायात्रा में होंगे शामिल


गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज गोरखपुर पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसके बाद वे गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और अपने गुरुओं की समाधि पर श्रद्धा-सुमन अर्पित कर पूजा-अर्चना की।

 शोभायात्रा में सीएम योगी होंगे शामिल

आज शाम को पाण्डेयहाता में आयोजित होलिका दहन शोभायात्रा में  योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। इस भव्य शोभायात्रा को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद कर दिया है। गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ की यह यात्रा धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से खास मानी जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते है।

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सीएम योगी का विपक्ष पर जोरदार हमला

डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, आज सीएम योगी ने गोरखपुर को खुले में कूड़ा जलाने से मुक्त शहर बनाने के लिए नगर निगम गोरखपुर और डब्ल्यूआरआई इंडिया द्वारा तारामंडल स्थित एक निजी होटल में आयोजित कार्यशाला में हिस्सा लिया। इस मौके पर उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा भी की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मौके पर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नदियां हमारी जीवन रेखा हैं। अगर ये सूख जाएंगी तो जीवन रेखा भी सूख जाएगी। नदियां बढ़ेंगी तो सारे जंगल भी बढ़ेंगे।

क्या 110 करोड़ दहेज का पैसा है?

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सीएम ने कहा कि पहले नाले का पानी राप्ती नदी में जाता था। नगर निगम पर हमेशा एनजीटी द्वारा जुर्माना लगाया जाता था। इस समस्या में सुधार के निर्देश दिए गए तो यहां से एसटीपी लगाने के लिए 110 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया। प्रस्ताव देखने के बाद उन्होंने पूछा-क्या ये 110 करोड़ रुपये दहेज के हैं? इतना पैसा खर्च करने के बाद भी इस पर हर साल 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसकी जगह प्राकृतिक तरीकों से इसके शुद्धिकरण के तरीके खोजने के निर्देश दिए गए। आज तकियाघाट नाला प्रदेश के लिए मॉडल बन गया है। महाकुंभ की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का मकसद सिर्फ घूमना-फिरना नहीं था। वे मां गंगा और यमुना के दर्शन करना चाहते थे। वे त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य कमाना चाहते थे। संगम में पानी, गंदगी, कनेक्टिविटी न होती तो कौन आता। नदी में हमेशा पानी रहे, इसकी व्यवस्था की गई। ऐसा न होता तो महाकुंभ मेला पहले चरण में ही बर्बाद हो जाता।

 

 










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