VIDEO: देखिये पांच साल पहले को वो वीडियो जिसमें मनोज टिबड़ेवाल आकाश के परिवार पर बुलडोजर से ढ़हाया गया था जुल्म
बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की देश भर में हो रही चर्चाओं के बीच डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में देखिये पांच साल पहले का वो वीडियो, जिसमें मनोज टिबड़ेवाल आकाश का पैतृक घर बुलडोजर से ढ़हाया गया था और परिवार पर जुल्म किया गया:
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में देश के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश का पैतृक घर को बुलडोजर से ढ़हाये जाने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। मनोज टिबड़ेवाल आकाश की याचिका पर देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा अब पांच साल बाद सुनाये गये ऐतिहासिक फैसला देश भर में सुर्खियों में बना हुआ है। शीर्ष अदालत के इस फैसले ने कई लोगों के लिये न्याय का रास्ता खोल दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की देश भर में हो रही चर्चाओं के बीच डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में आप 13 सितंबर 2019 को वो वीडियो देख सकते हैं, जिसमें महराजगंज तत्कालीन जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना किसी नोटिस के मनोज टिबड़ेवाल आकाश के पैतृक घर पर बुलडोजर चलवाया था।
इस खौफनाक और दर्दनाक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि तत्कालीन जिलाधिकारी के इशारे पर सरकारी मशीनरी का भय व दहशत फैलाने के इरादे से किस तरह दुरूपयोग किया गया था। सरेआम मनोज टिबड़ेवाल आकाश और उनके परिवार पर बर्बर जुल्म और अत्याचार किया गया था।
वीडियो में साफ दिख रहा है कि सैकड़ों पुलिस वालों ने उनके घर को चारों तरफ़ से घेर लिया था। सड़क को बैरिकेड करके उनके पैतृक घर को तत्कालीन डीएम ने देखते ही देखते बुलडोज़रों से ज़मींदोज़ करा दिया गया था। वीडियो में ये भी साफ देखा जा सकता है वहां पुलिस को दंगा रोधी दस्ते की तरह भारी दल-बल के साथ तैनात कराया गया था।
मकान को ढ़हाये जाने के बीच मनोज और उनका परिवार पुलिस प्रशासन से उनके वैध मकान की तोड़-फोड़ रोकने को कहते रहे लेकिन अराजकता की हदें पार करते हुए सरकारी मशीनरी ने उनकी एक न सुनी।
मनोज टिबड़ेवाल आकाश और उनके परिवार को हालांकि तब घर गिरने के कारण बड़ी पीड़ा और कष्ट सहना पड़ा हो लेकिन उन्होंने इस अत्याचार के खिलाफ कभी भी हिम्मत नहीं हारी और अवैध तरीके से उनके घर गिराये जाने के खिलाफ अपनी साहसिक लड़ाई को जारी लिखा।
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मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने सरकार और मानवाधिकार आयोग समेत कई जगह अपनी शिकायत की। मनोज ने इस अत्याचार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी लेटर पटिशन दाखिल किया, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और बीते बुधवार को एक ऐसा एतिहासिक फैसला सुनाया, जिसने इसी तरह के बुलडोजर एक्शन से पीड़ित लाखों लोगों के लिये न्याय का मार्ग प्रशस्त कर दिया है।
देश की शीर्ष अदालत के इस फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि न्याय प्रताड़ित हो सकता है लेकिन पराजित नहीं और सत्य की हमेशा जीत होती है।