देशभर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बड़ी चर्चा, किसी राज्य सरकार पर बुलडोज़र एक्शन में पहली बार ठोका गया भारी भरकम जुर्माना
समूचे देश में बुधवार 6 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की चर्चा हो रही है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) द्वारा बुधवार को सुनाया गया ऐतिहासिक फैसला (Historic Verdict) सुर्खियों में बना हुआ है।
देश भर की मीडिया से लेकर आम जनता में इस फैसले को लेकर चर्चा हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने देश के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश की पत्र याचिका पर ये फैसला सुनाया।
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए किसी राज्य सरकार पर बुलडोजर एक्शन के खिलाफ पहली बार 25 लाख रूपये का भारी भरकम जुर्माना ठोका है।
सोशल मीडिया पर छाया ऐतिहासिक फैसला
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार शीर्ष अदालत के इस फैसले की सोशल मीडिया मंच पर भी खूब चर्चा हो रही है। देश की सभी अखबारों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। टेलीविजन चैनलों समेत ऑनलाइन माध्यमों पर इस फैसले की जमकर चर्चा जारी है।
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सभी मीडिया प्लेटफार्म्स ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को देश के लिए नजीर बताया।
बता दें कि देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की खंडपीठ ने देश के वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश की याचिका पर यह अहम और देशहित में फैसला सुनाया। जिसमें सरकारी मिशनरी ने बुलडोजर चलवाकर अवैध तरीके से उनके पैतृक मकान को ध्वस्त किया था।
उनकी याचिका पर शीर्ष कोर्ट का सुनाया गया फैसला देश के लिए नजीर बना। इस फैसले के कारण देश के कई लोगों में न्याय की उम्मीद भी जग गई है।
यूपी सरकार पर लगाया भारी जुर्माना
जानकारी के अनुसार यूं तो देश में नियमित अनगिनत बुलडोजर कार्रवाई होती हैं। जिसमें कितने ही बेगुनाहों के मकान अवैध तरीके से सरकारी मिशनरी द्वारा जमींदोज किया जाता है। निर्दोष लोगों के मकान सरकार की तानाशही रवैये की भेंट चढ़ जाते हैं। लेकिन देश में पहली बार एक सतर्क नागरिक और याचिकाकर्ता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने देशहित में अहम फैसला सुनाया।
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पहली बार एक स्वत: संज्ञान याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए 25 लाख रुपए का भारी भरकम जुर्माना लगाया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले का हवाला देते हुए देश के सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को इसे पालन करवाने का निर्देश दिया।
मनोज टिबड़ेवाल आकाश द्वारा उठाए गए मामले की बदौलत इस फैसले के बाद उन लोगों के लिये भी न्याय का रास्ता खुल गया है, जिनका मनमाना तरीके से बिना नोटिस दिये मकान तोड़ा।
मनोज की याचिका पर आये फैसले से देश में लोगों का कानून पर भरोसा बढ़ गया। बुलडोजर कार्रवाई के पीड़ित लोग अब अन्याय के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे है।
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