World Pneumonia Day: 12 नवंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस? जानें इसका महत्व, थीम और इतिहास

डीएन ब्यूरो

हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है विश्व निमोनिया दिवस..... लेकिन आपने कभी सोचा, यह क्यों मनाया जाता है? हम बता रहे हैं आपको डाइनामाइट न्यूज़ पर

प्रतीकात्मक छवि
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नई दिल्ली: विश्व निमोनिया दिवस हर साल 12 नवंबर को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य निमोनिया के प्रति जागरूकता बढ़ाना और इस बीमारी की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाना है। निमोनिया एक गंभीर श्वसन संक्रमण है जो बच्चों और बुजुर्गों में अधिक घातक हो सकता है। इसे फेफड़ों की सूजन के रूप में जाना जाता है, जो बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के कारण होता है।

विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास

विश्व निमोनिया दिवस की शुरुआत वर्ष 2009 में की गई थी। "ग्लोबल कोअलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया" ने इसे आरंभ किया, जिसका लक्ष्य था इस जानलेवा बीमारी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना और वैश्विक स्तर पर इसके लिए रोकथाम और उपचार के कदम उठाना। निमोनिया उन सबसे घातक बीमारियों में से एक है जिससे हर साल लाखों लोगों की मृत्यु होती है, खासकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों में।

विश्व निमोनिया दिवस 2024 थीम 

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इस साल विश्व निमोनिया दिवस का विषय है, "हर सांस मायने रखती है: निमोनिया को उसके मार्ग में ही रोकें।"

विश्व निमोनिया दिवस का महत्व

निमोनिया की वजह से होने वाली मृत्यु दर को कम करने के लिए यह दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण है। निमोनिया ऐसी बीमारी है जिसका समय पर उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है ताकि वे इसके प्रारंभिक लक्षण पहचान कर उचित चिकित्सा प्राप्त कर सकें। इसके अलावा, यह दिवस सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को भी प्रेरित करता है कि वे टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करें।

विश्व निमोनिया दिवस का उद्देश्य

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इस दिवस के प्रमुख उद्देश्यों में निमोनिया के खिलाफ जागरूकता फैलाना, बच्चों और कमजोर लोगों को इस बीमारी से बचाने के लिए उचित टीकाकरण की सुविधाएं प्रदान करना, और चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करना शामिल है। साथ ही, यह स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रेरित करता है कि वे निमोनिया से निपटने के लिए लोगों की सहायता करें और इसके उपचार और रोकथाम के तरीकों पर ध्यान दें।

निमोनिया के लक्षण

निमोनिया के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में तकलीफ, तेज़ और गहरी साँसें, सीने में दर्द, खांसी जिसमें कफ हो सकता है, और थकावट शामिल हैं। बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। निमोनिया को समय रहते पहचानना बहुत ज़रूरी है ताकि इसका प्रभावी ढंग से इलाज किया जा सके।

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