क्यों रोका गया मुख्य सचिव मनोज सिंह का काफिला, जानिये पूरा मामला
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में मुख्य सचिव मनोज सिंह के काफिले को रोका गया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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नई दिल्ली: सोनभद्र में अवैध खनन और परिवहन का मामला ऐसे तो बहुत पुराना है। लेकिन दो दिनों से मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मुख्य सचिव मनोज सिंह के दौरे के दौरान मोटर मालिकों ने खनन अधिकारी शैलेन्द्र सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाकर एक पत्र दिया है। मोटर मालिकों ने मुख्य सचिव के काफिले को रोककर शिकायत की कि खान अधिकारी की मिलीभगत से बिना वैध खनन पत्र के हज़ारों गाड़ियां चल रही हैं। जिससे जिले में भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। इसे रोकना बहुत ज़रूरी है।
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शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि खान अधिकारी शैलेन्द्र सिंह की कृपा से फर्जी खनन पत्र छपवाकर गाड़ियों को पास किया जा रहा है। इस गंभीर विषय को सुनने के बाद मुख्य सचिव ने तत्काल संज्ञान लिया और मोटर मालिकों को कार्रवाई का आश्वासन दिया। इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें मोटर मालिक मुख्य सचिव को अपनी व्यथा बताते हुए दिख रहे हैं। यह मामला प्रदेश में खनन व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है।
ट्रक एसोसिएशन सोनभद्र के अध्यक्ष कमल किशोर सिंह ने कहा कि हम लोगों ने मुख्य सचिव मनोज सिंह को शिकायत की थी और उनको बताया गया कि खनन विभाग द्वारा जिले में भ्रष्टाचार फैलाई जा रही है और लगातार ट्रक मालिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। कई अन्य विषयों को लेकर पत्रक दिया गया है। हमने मांग की है कि लोडिंग पॉइंट पर ही कार्रवाई सुनिश्चित करें।
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सबसे बड़ी बात है कि खनन अधिकारी द्वारा वीआईपी कल्चर का आगाज किया गया है। उस वीआईपी कल्चर बंद किया जाए। ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि खनिज अधिकारी कुछ विशेष लोगों की गाड़ियां मंदिर के नाम पर मस्जिद के नाम पर विधायक के नाम पर अधिकारी के नाम पर 50-100 गाड़ियां बिना रॉयल्टी के परिवहन कराते हैं। , यह स्वयं परिवहन कराते हैं। इसमें उनकी स्वयं संलिप्तता है। विगत 3 माह से जो फर्जी प्रपत्र इस टाइम हमारे जनपद में चला उसमे 100% खनिज अधिकारी की संलिप्तता थी। इन सब विषयों को लेकर ज्ञापन दिया गया जिससे भ्रष्टाचार समाप्त हो हमारे जिले से अब मोटर वाली सामान्य रूप से व्यवसाय कर सकें।