दिल्ली में पांच दिन के इंस्टीट्यूशनल क्वारंनटीन के फैसले को उपराज्यपाल ने लिया वापस
देश की राजधानी दिल्ली में पांच दिन का अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंनटीन का फैसला उप राज्यपाल द्वारा आखिरकार वापस ले लिया गया है। दिल्ली सरकार इस फैसले का लगातार विरोध कर रही थी। पढिये, पूरी खबर..
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के बढते मामलों के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल ने कोविड-19 पैशंट्स के लिये पांच दिन के संस्थागत क्वारंटीन को अनिवार्य बना दिया था लेकिन दिल्ली सरकार इस फैसले का लगातार विरोध कर रही थी। आखिरकार उपराज्यपाल ने शनिवार को अपना फैसला वापस ले लिया।
Delhi LG announces rollback of compulsory 5-day institutional quarantine, says, "Only those #COVID positive cases which do not require hospitalisation on clinical assessment & do not have adequate facilities for home isolation would be required to undergo institutional isolation" pic.twitter.com/5WlrpfVxdR
— ANI (@ANI) June 20, 2020
दिल्ली के उपराज्यपाल ने 5 दिन के अनिवार्य इंस्टीट्यूशनल क्वारंनटीन के फैसले को वापस लेते हुए कहा कि अब केवल कोविड-19 के उन पॉजीटिव मरीजों को ही संस्थागत क्वारंटीन में जाने की जरूरत होगी, जिनके घर पर उचित सुविधाएं नहीं होंगी और जिनको मेडिकल आधार पर संस्थागत क्वारंटीन में रहना जरूरी होगा।
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राज्यपाल द्वारा फैसला वापस लिये जाने के बाद कोविड-19 मरीजों के लिये क्वारंटीन को लेकर पुरानी शर्तों का ही पालन करना होगा। वे पांच दिन के होम क्वारंनटीन पर रह सकेंगे और सभी नियम-शर्तों का यतावत पालन करना होगा।
Home-isolation of #COVID19 patients to continue now; LG's apprehensions regarding it were resolved in the SDMA meeting. We thank LG for this: Manish Sisodia, Delhi Deputy Chief Minister (File Photo) https://t.co/sS3y3PIbZx pic.twitter.com/VpXDFZU9vv
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— ANI (@ANI) June 20, 2020
दिल्ली में अस्पताल समेत पर्याप्त संसाधनों की कमी के कारण उप राज्यपाल के फैसले का विरोध किया जा रहा था। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने उप राज्यपाल द्वारा फैसले को वापस पर खुशी जताई और उनका धन्यवाद किया।