Uttar Pradesh: मनरेगा और पीएम आवास योजना में धांधली, लोकायुक्त के निर्देश पर गांव पहुंची जांच टीम, जानिये क्या हुआ आगे
उत्तर प्रदेश के महराजगंज जनपद में मनरेगा कार्यों और प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली की शिकायत के बाद गठित लोकायुक्त टीम ने जांच के लिये गांव का दौरा किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये पूरा मामला
महराजगंज: ग्रामीणों को रोजगार के लिये चल रही महत्वपूर्ण मनरेगा योजना और गरीब व जरूरतमंदों के लिये संचालित हो रही प्रधानमंत्री आवास योजना समेत 5 विभिन्न मदों में बड़ी धांधली का मामला सामने आया है। धांधली की लिखित शिकायत के बाद गठित लोकायुक्त टीम मामले की जांच के लिये गांव पहुंची। जांच टीम द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्यों और आवश्यक दस्तावेजों को जब्त कर लिया गया है, जिसके बाद ग्रामीणों में धांधली के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जग गई है।
यह मामला महराजगंज जनपद के बृजमनगंज ब्लॉक के ग्राम खड़खोड़ा का है। गांव के ही एक व्यक्ति अजीत सिंह ने लिखित शिकायत की थी कि तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा पिछले 5 सालों में मनरेगा कार्यों, पीएम आवास योजना समेत विभिन्न मदों में बड़े स्तर पर धांधली की गई। ग्रामीण की लिखित शिकायत के बाद लोकायुक्त के निर्देश पर एक जांच टीम का गठन किया गया।
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इस जांच टीम में देवरिया के जिला पंचायत अधिकारी, सहायक अभियोजन अधिकारी और जिला प्रोबेशन अधिकारी की एक टीम गठित हुई। यह जांच टीम शुक्रवार को खड़खोडा गांव में पंहुची। मौके पर पहुंची लोकायुक्त की जांच टीम ने तत्कालीन ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव और शिकायतकर्ता का बयान दर्ज किया। साथ में जांच के लिये साक्ष्य और आवश्यक दस्तावेजों को अपने साथ ले गए।
डाइनामाइट न्यूज में बातचीत में शिकायतकर्ता अजीत सिंह ने एक तरफ जहां ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों में बड़े स्तर पर धांधली की बात कहीं गई वही आरोपित तत्कालीन ग्राम प्रधान ने शिकायतकर्ता के सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित और निराधार बताये है।
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डाइनामाइट न्यूज में बातचीत में जांच टीम का नेतृत्व कर रहे अविनाश कुमार और लोकायुक्त जांच टीम के एक सदस्य का कहना था कि आज अंतिम जांच के लिए यह टीम गांव आई है, जिसके आधार पर ग्राम प्रधान के कार्यों की अंतिम रिपोर्ट लोकायुक्त को प्रेषित की जायेगी। जांच के निष्कर्ष के आधार पर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित होगी। वहीं शिकायतकर्ता का आरोप है कि जांच टीम द्वारा उसकी पूरी बात नहीं सुनी गई। अब ग्रामीणों को इस बात का इंतजार हैं कि आखिर इस मामले में अब क्या निष्कर्ष निकलकर सामने आता है।