Kisan Andolan: सिंघु बॉर्डर पर कई किसान बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित, कोरोना जांच से कर रहे इनकार

डीएन ब्यूरो

खेती कानून के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे कई किसानों के बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित होने की खबर सामने आ रही है। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

सिंघु बॉर्डर आंदोलन करते किसान
सिंघु बॉर्डर आंदोलन करते किसान


नई दिल्ली: देश में नये कृषि कानून के खिलाफ पिछले दस दिनों से दिल्ली से सटे सिंघु बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे कई किसानों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताजनक खबरें सामने आ रही है। बताया जाता है कि सिंघु बॉर्डर पर 300 से ज्यादा किसानों को बुखार, जुकाम और खांसी की शिकायत है। खराब सेहत के बाद भी इन किसानों ने कोरोना जांच कराने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में किसानों में बुखार, जुकाम और खांसी की शिकायत बेहद गंभीर मामला माना जा रहा है। हालांकि सरकार समेत स्थानीय लोगों और कुछ संगठनं द्वारा प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए तमाम तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर किसानों का इतनी बड़ी तादाद में एक साथ धरना-प्रदर्शन करना चिंताजनक है।

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कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से सिंघु बॉर्डर पर लगभग 300 किसान बुखार, जुकाम और खांसी से पीड़ित है लेकिन इन्होंने कोरोना टेस्ट से इंकार कर दिया है। इन किसानों का मानना है कि कोरोना टेस्ट के नाम पर उन्हें यहां से हटाने की साजिश भी हो सकती है।

रिपोर्टों के मुताबिक शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान बीमार नजर आए। इन रिपोर्टों में पंजाब से आए किसान हरबीर सिंह के हवाले से कहा गया है कि यहां लगभग 300 किसान बीमार हैं। इनमें ज्यादातर को बुखार है और कुछ को खांसी-जुकाम। किसानों का मानना है कि ठंड में रहने के कारण ऐसा हो रहा है। लेकिन चर्चा यह भी है कि उन्हें कोरोना भी हो सकता है।

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बताया जाता है कि पीड़ित किसानों से जब अधिकारियों ने उन्हें कोरोना जांच कराने की बात कही तो उन्होंने टेस्ट से इनकार कर दिया। किसानों को डर है कि कोरोना जांच के नाम पर उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर कहीं आंदोलन को कमजोर करने की साजिश न रची जाए।
 










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