फर्जी आरक्षण के नाम पर कर रही थी MBBS की पढ़ाई, कोर्ट ने लगाया लाखों का जुर्माना…
आरक्षण के नियमों को तोड़कर उसका गलत फायदा उठाने के एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है पढ़िए आखिर कोर्ट ने आरोपी को क्या सजा दी है…
मुंबई: बांबे हाईकोर्ट ने MBBS फाइनल इयर की एक छात्रा को आदेश दिया है कि वह राज्य सरकार को दस लाख रुपये का भुगतान करे। छात्रा पर आरोप है कि उसने ओबीसी कोटे के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के लिए गलत जानकारी देकर नॉन-क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट बनवाया था जो प्रशासनिक जांच में पकड़ा गया।
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण का फायदा लेने के लिए अपनी आय से संबंधित एक प्रमाणपत्र देना होता है। एक निश्चित आय से कम आय वाले लोग ही ओबीसी आरक्षण का फायदा ले सकते हैं।यह भी पढ़ें | Mathura: गैर इरादतन हत्या के मामले में व्यक्ति को आजीवन कारावास
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सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लड़की के पिता पर सख्त टिप्पणियां भी की लड़की के पिता आर्थिक रूप से काफी सक्षम हैं और पुणे के नजदीक चिंचवड में उनका 16 बिस्तरों वाला एक अपना अस्पताल भी है। कोर्ट ने कहा कि हमें अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि एक सक्षम व्यक्ति ने इस तरह का काम किया। इसकी वजह से एक जरूरतमंद उम्मीदवार सरकारी मेडिकल कॉलेज में MBBS का कोर्स करने से वंचित रह गया।
कोर्ट ने यह भी साफ किया कि स्टूडेंट अपनी पढ़ाई जारी रख सकती है बशर्ते वह आगे की पढ़ाई और नौकरी में ओबीसी आरक्षण का फायदा नहीं लेगी। अगर वह ऐसा करती है तो उसकी MBBS की डिग्री कैंसल कर दी जाएगी। हाई कोर्ट ने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया जिसमें कहा गया था कि स्टूडेंट के करियर या नौकरी को प्रभावित करना किसी के हित में नहीं होगा।