Shahjahan Sheikh: ईंट-भट्टे का मजदूर कैसे बना नेता और संदेशखाली का डॉन? जानिये शाहजहां शेख की पूरी इनसाइट स्टोरी

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल में संदेशखाली के मास्टरमाइंड और टीएमसी नेता शाहजहां शेख को पुलिस ने 55 दिनों बाद गिरफ्तार कर लिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये शेख की पूरी इनसाइड स्टोरी

टीएमसी नेता शाहजहां शेख को  कोर्ट में पेश किया
टीएमसी नेता शाहजहां शेख को कोर्ट में पेश किया


कोलकाता: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)की टीम पर हमला, जमीनों पर अवैध कब्जे, महिलाओं का यौन उत्पीड़न, संदेशखाली का मास्टरमाइंड और टीएमसी नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh)को बंगाल पुलिस (Bengal Police) ने गुरूवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया। शेख 55 दिनों से फरार चल रहा था।   शेख को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। बशीरहाट कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिर रिमांड पर भेज दिया है। 

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार संदेशखाली का डॉन बनने की शाहजहां शेख की कहानी काफी हैरान करन वाली है। शाहजहां शेख सालों पहले बांग्लादेश से भागकर पश्चिम बंगाल आ गया था और अपने परिवार के साथ    बांग्लादेश की सीमा से सटे संदेशखाली में रहने लगा। वह यहां एक ईंट भट्टे पर मजदूरी करके परिवार का भरण-पोषण करता था। 

शेख ने ईंट-भट्टे के मजदूरी के साथ-शात कुछ समय तक एक गाड़ी में कंडक्टर का भी काम किया और बाद गाड़ी भी चलाई। इसी बीच उसने ईंट-भट्ठा के मजदूरों की एक यूनियन बनाई और वह उसका नेता बन गया। 

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बंगाल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज में उसकी राजनीति भी खूब चमकने लगी। वह श्रमिकों के हितों की बात करता और नेताओं के संपर्क में रहता है। मजदूरों के बीच उसने अपनी पहचान बना ली थी।  

मजदूर यूनियन के नेता होने के नाते वह माकपा के करीब आ गया और 2004 में पार्टी से सक्रिय सदस्य के रूप में जुड़ गया। तबसे उसका सियासी सफर लगातार आगे बढ़ता रहा। 

बताया जाता है कि नेतागिरी की आड़ में दबंग किस्म के शाहजहां शेख ने संदेशखाली में कई जमीनों पर अवैध कब्जे किये। मछली पालन के लिये कई तालाबों पर भी कब्जा किया। उसके झींगा पालने का कारोबार शुरू किया, जो तेजी से आगे बढ़ता गया और इसके साथ ही उसकी राजनीतिक चमक भी तेज होने लगी। 

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बंगाल में साल 2011 में जब टीएमसी की सरकार बनी तो शाहजहां ने भी राजनीतिक पाला बदल लिया। 2012 में वह टीएमसी से जुड़ा और अपने क्षेत्र में पार्टी का दमदर नेता बन गया। लेकिन उसकी दबंगई और आपरधिक कारनामे कम नहीं हुए। पार्टी की आड़ में वह कई आपराधिक गतिविधियों में लगातार सक्रिय रहा। वह अकूत संपत्ति का मालिक बताया जाता है। 

बंगाल में 10 हजार करोड़ रुपये के राशन घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में ईडी की टीम 5 जनवरी को जब शाहजहां शेख के आवास पर छापा मारने पहुंची तो वहां उसके गुर्गों ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था।

शेख के 200 से ज्यादा लोगों ने अधिकारियों और उनके साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को घेर लिया था। अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी. हमले में ईडी के तीन अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता घायल हो गए थे। संदेशखाली का यह मामला लगातार तूल पकडता गया। राज्य में सियासी उबाल अब भी जारी है। कोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद पुलिस ने अब गुरूवार की सुबह शेख को गिरफ्तार किया।










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